राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना (NFBS) – 20,000 रुपये की मदद Online Apply | Last Date

हेलो दोस्तों, आज मैं तुम्हें एक बहुत खास योजना के बारे में बताने वाला हूँ, जिसका नाम है “राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना”! इसे समझना बहुत आसान है और यह योजना हमारे देश के उन परिवारों के लिए है, जिनके पास ज़्यादा पैसा नहीं होता और जिनके घर का सबसे महत्वपूर्ण सदस्य, यानी घर का मुखिया (मुख्य व्यक्ति), अगर अचानक दुनिया से चला जाता है, तो उस परिवार को आर्थिक (पैसों की) मदद मिल सके।

अब सोचो, अगर किसी परिवार में अचानक से घर के मुखिया की मौत हो जाए, तो उस परिवार पर क्या बीतेगी? उस समय उन्हें सबसे ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ती है ताकि वे घर चला सकें, बच्चों की पढ़ाई करवा सकें और बाकी ज़रूरी काम कर सकें। ऐसे में यह योजना उनकी मदद के लिए आती है। चलो, इसे धीरे-धीरे और आसान तरीके से समझते हैं।


1. यह योजना क्यों है ज़रूरी?

अब सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है कि यह योजना बनाई क्यों गई। दोस्तों, हमारे देश में बहुत सारे ऐसे परिवार हैं, जिनके पास बहुत कम पैसा होता है। उनके घर का मुखिया, जो पैसा कमाता है और पूरे घर को चलाता है, अगर किसी कारण से गुजर जाए, तो उस परिवार के पास कमाई का कोई ज़रिया नहीं बचता। इस मुश्किल समय में, उनके पास खाने-पीने, बच्चों की पढ़ाई और बाकी जरूरतों के लिए पैसा नहीं होता।

ऐसे में “राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना” उस परिवार को 20,000 रुपये की मदद देती है ताकि वे अपनी ज़रूरतें पूरी कर सकें। यह पैसा सरकार देती है ताकि उस परिवार को कुछ दिनों तक तो कम से कम पैसों की टेंशन न हो और वे अपना जीवन ठीक से चला सकें।

सोचो, अगर किसी घर का मुखिया चला जाता है, तो उस समय घर के बाकी लोग कितने दुखी होते हैं। और फिर आर्थिक समस्या भी हो जाए तो हालत और खराब हो जाती है। इसलिए सरकार ने यह योजना बनाई है ताकि ऐसे कठिन समय में लोगों को पैसों की थोड़ी राहत मिल सके।


2. इस योजना के फायदे क्या हैं?

अब चलो जानते हैं कि इस योजना से क्या-क्या फायदे हैं। जब किसी परिवार का मुखिया गुजर जाता है, तो उस परिवार को काफी सारी दिक्कतें आती हैं, जैसे:

  • पैसे की कमी: घर चलाने के लिए जो सबसे ज्यादा पैसा कमाता था, उसकी मौत हो जाने पर परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो जाती है।
  • बच्चों की पढ़ाई पर असर: परिवार में अगर पैसे नहीं होंगे, तो बच्चों की पढ़ाई भी रुक सकती है।
  • खाने-पीने की दिक्कतें: खाने के लिए भी पैसे की जरूरत होती है, और अगर पैसे नहीं होंगे, तो परिवार को बहुत दिक्कतें होंगी।

अब समझो, इस योजना के जरिए परिवार को 20,000 रुपये मिलते हैं। ये पैसे परिवार के लिए बहुत बड़ी राहत होते हैं। इन पैसों का इस्तेमाल वे अपने रोज़मर्रा के खर्चों के लिए कर सकते हैं। और इससे बच्चों की पढ़ाई भी नहीं रुकती और परिवार का जीवन कुछ समय के लिए थोड़ा स्थिर हो जाता है।

सोचो, यह मदद कितनी बड़ी हो सकती है! जब किसी के पास कुछ न हो, और अचानक से 20,000 रुपये मिलें, तो इससे बहुत सारी समस्याओं का हल हो सकता है। यह राशि परिवार को थोड़ी हिम्मत देती है कि वे इस मुश्किल समय से लड़ सकें।


3. इस योजना से कौन लोग फायदा उठा सकते हैं?

अब सवाल यह आता है कि इस योजना का फायदा कौन-कौन लोग उठा सकते हैं। दोस्तों, यह योजना उन परिवारों के लिए है जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर होती है। आसान शब्दों में कहें तो यह योजना गरीब परिवारों के लिए है।

अगर किसी गरीब परिवार का मुखिया 18 से 59 साल की उम्र के बीच अचानक गुजर जाता है, तो उस परिवार को यह मदद मिल सकती है। ध्यान रहे कि यह योजना सिर्फ उन्हीं परिवारों के लिए है, जिनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं होती। इसका मतलब है कि जिनके पास पहले से ही बहुत सारा पैसा है, वे इस योजना का फायदा नहीं ले सकते।

तो जब किसी गरीब परिवार का सबसे महत्वपूर्ण सदस्य गुजर जाता है, और उनकी कमाई का ज़रिया खत्म हो जाता है, तब यह योजना उनके लिए उम्मीद की किरण बनती है। इससे उन्हें तुरंत 20,000 रुपये की मदद मिलती है, ताकि वे कुछ समय तक अपनी ज़रूरतें पूरी कर सकें।

4. योजना का पैसा कैसे काम आता है?

जब किसी परिवार के पास अचानक से पैसा नहीं होता और कोई कमाने वाला नहीं बचता, तो सोचो वे किस तरह की परेशानियों का सामना करते होंगे। ऐसे में राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना से मिलने वाला 20,000 रुपये का पैसा बहुत बड़ी राहत होती है। यह पैसा परिवार को खाने-पीने, बच्चों की पढ़ाई और दूसरी ज़रूरी चीज़ों में मदद करता है।

अब सोचो, अगर घर का मुखिया गुजर जाए, तो सबसे पहले खाने का इंतजाम करना बहुत जरूरी होता है। कई बार परिवार के पास रोजमर्रा की चीजें खरीदने के लिए भी पैसा नहीं होता। ऐसे में ये 20,000 रुपये तुरंत उन्हें बुनियादी चीजों के लिए काम आता है।

इसके अलावा, अगर परिवार के बच्चों की पढ़ाई चल रही हो, तो फीस, किताबें और स्कूल का खर्चा उठाना बहुत जरूरी होता है। इसलिए यह योजना उन परिवारों को पैसों की चिंता से कुछ दिनों के लिए राहत देती है ताकि वे अपनी बाकी जिम्मेदारियों को भी निभा सकें।


5. किसकी मदद से चलती है योजना?

अब ये जानना भी जरूरी है कि इस योजना के पीछे कौन है और इसे कैसे चलाया जाता है। दोस्तों, राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना भारत सरकार की तरफ से चलाई जाती है। इसका मतलब है कि हमारे देश की सरकार उन परिवारों की मदद करती है, जिनके पास कमाई का साधन नहीं बचा होता।

यह योजना खास तौर पर गरीब और कमजोर वर्ग के परिवारों के लिए बनाई गई है, ताकि जब उनका कोई करीबी, खासकर परिवार का मुखिया, गुजर जाए, तो उनके पास जीने का एक सहारा हो। योजना का संचालन राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के तहत किया जाता है।

सरकार यह सुनिश्चित करती है कि जो लोग इस योजना के योग्य होते हैं, उन्हें यह आर्थिक मदद मिल सके। इसके लिए पूरे देश में अलग-अलग सरकारी विभाग काम करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि जरूरतमंद परिवारों तक ये सहायता पहुंचे। इससे यह योजना पूरे देश में लाखों परिवारों की मदद करती है।


6. यह योजना कितना बड़ा बदलाव ला सकती है?

अब सोचो, जब एक गरीब परिवार को अचानक पैसे मिलते हैं, तो उनकी जिंदगी में कितना बड़ा बदलाव आ सकता है! यह योजना सिर्फ 20,000 रुपये की आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि यह उनके जीवन में उम्मीद और आत्मविश्वास लाती है। जब परिवार को लगता है कि कोई उनकी मदद के लिए खड़ा है, तो वे और मजबूत होकर मुश्किलों का सामना कर सकते हैं।

यह योजना गरीब परिवारों को न सिर्फ पैसे की राहत देती है, बल्कि यह उनके बच्चों की पढ़ाई, घर के खर्च और दूसरी जरूरतों को पूरा करने में भी मदद करती है। इससे वे थोड़ी राहत महसूस करते हैं और आगे की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए कोशिश करते हैं।

इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह परिवार को उस समय सहारा देती है, जब उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इसने कई परिवारों की जिंदगी को बेहतर बनाया है और उन्हें जीने की एक नई राह दी है।

राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

अब चलिए दोस्तों, मैं तुम्हें बताता हूँ कि इस योजना के लिए आवेदन कैसे करना होता है। यह काफी आसान प्रक्रिया है, लेकिन इसके कुछ जरूरी स्टेप्स होते हैं जिन्हें ध्यान से फॉलो करना पड़ता है। वैसे अगर तुम ध्यान से समझोगे तो यह बिलकुल आसान लगेगा। चलो शुरू करते हैं!

1. दस्तावेज़ इकट्ठा करो

सबसे पहले तुम्हें इस योजना के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज़ इकट्ठा करने होंगे। ये दस्तावेज़ इस बात का सबूत होते हैं कि तुम इस योजना के लिए योग्य हो। जरूरी दस्तावेज़ों में ये शामिल हैं:

  • मृत्यु प्रमाण पत्र: यह उस व्यक्ति का होना चाहिए जो परिवार का मुखिया था और गुजर चुका है। बिना इसके आवेदन नहीं हो सकता।
  • आय प्रमाण पत्र: यह दिखाता है कि परिवार की आय बहुत कम है और उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है।
  • आधार कार्ड: आवेदक और गुजर चुके व्यक्ति का आधार कार्ड होना जरूरी है।
  • बैंक पासबुक: बैंक खाते की जानकारी देनी होती है क्योंकि मदद का पैसा सीधे बैंक खाते में भेजा जाता है।
  • राशन कार्ड: यह दिखाता है कि आवेदक गरीब परिवार से है।

2. आवेदन फॉर्म भरें

अब तुम्हें आवेदन फॉर्म भरना होगा। यह फॉर्म तुम्हें दो तरीकों से मिल सकता है:

  • ऑनलाइन: अगर तुम्हें इंटरनेट की जानकारी है, तो तुम घर बैठे ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हो। इसके लिए तुम अपने राज्य की सरकारी वेबसाइट पर जा सकते हो। जैसे कि अगर तुम उत्तर प्रदेश में रहते हो, तो वहां की सरकारी वेबसाइट पर फॉर्म मिल जाएगा। https://nfbs.upsdc.gov.in/NFBS2022_23/index.aspx
  • ऑफलाइन: अगर इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हो, तो तुम अपने नजदीकी ब्लॉक कार्यालय या तहसील कार्यालय में जाकर यह फॉर्म भर सकते हो। वहां तुम्हारी मदद के लिए लोग भी होते हैं, जो तुम्हें फॉर्म भरने में मदद करेंगे।

फॉर्म में तुम्हें अपने और अपने परिवार के बारे में सारी जानकारी सही-सही भरनी होगी, जैसे कि नाम, पता, बैंक खाता विवरण, और मुखिया की मौत का कारण। इसे ध्यान से भरना बहुत जरूरी है ताकि कोई गलती न हो।


3. दस्तावेज़ जमा करो

जब तुम फॉर्म भर लेते हो, तो तुम्हें अपने दस्तावेज़ उस फॉर्म के साथ जमा करने होंगे। अगर तुमने ऑनलाइन फॉर्म भरा है, तो दस्तावेज़ों की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी। और अगर तुमने ऑफलाइन फॉर्म भरा है, तो सभी दस्तावेज़ों की फोटोकॉपी फॉर्म के साथ जमा करनी होगी।

ध्यान रखो, कि जो भी दस्तावेज़ तुम जमा कर रहे हो, वे सभी सही और असली होने चाहिए। अगर दस्तावेज़ गलत या अधूरे होंगे, तो आवेदन रद्द हो सकता है।


4. आवेदन की जाँच

जब तुम फॉर्म और दस्तावेज़ जमा कर दोगे, तो सरकारी अधिकारी तुम्हारे आवेदन की जाँच करेंगे। वे देखेंगे कि तुम्हारे दस्तावेज़ सही हैं या नहीं और तुम्हारा परिवार इस योजना के लिए योग्य है या नहीं।

अगर सब कुछ सही पाया जाता है, तो तुम्हारे आवेदन को मंजूरी मिल जाएगी।


5. पैसे का ट्रांसफर

अगर तुम्हारा आवेदन सफल हो जाता है, तो सरकार तुम्हारे बैंक खाते में सीधे 20,000 रुपये ट्रांसफर कर देगी। इसके बाद तुम इस पैसे का इस्तेमाल अपने परिवार की जरूरतों के लिए कर सकते हो।


6. आवेदन की स्थिति कैसे जांचें?

अगर तुमने ऑनलाइन आवेदन किया है, तो तुम्हें अपनी आवेदन की स्थिति भी जांचनी चाहिए। इसके लिए तुम राज्य की सरकारी वेबसाइट पर जाकर अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हो। वहां पर तुम्हें यह पता चल जाएगा कि तुम्हारा आवेदन किस स्टेज में है।

अगर तुमने ऑफलाइन आवेदन किया है, तो तुम ब्लॉक या तहसील कार्यालय में जाकर अपनी आवेदन की स्थिति जान सकते हो।


7. आवेदन की आखिरी तारीख

अब बात आती है आखिरी तारीख की। दोस्तों, इस योजना के आवेदन की कोई एक निश्चित अंतिम तारीख नहीं होती है। यानी जब भी तुम्हारे परिवार का मुखिया गुजर जाता है, तुम 1 साल के अंदर इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हो।

तो अगर तुम्हारे परिवार में ऐसा कोई दुखद घटना घटती है, तो बिना देर किए इस योजना के लिए आवेदन कर देना चाहिए, ताकि जल्दी से जल्दी आर्थिक मदद मिल सके।

राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)


1. राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना क्या है?

राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना गरीब और कमजोर वर्ग के परिवारों के लिए है। अगर परिवार का मुखिया, जो घर का सबसे महत्वपूर्ण कमाने वाला होता है, अचानक गुजर जाता है, तो सरकार उस परिवार को 20,000 रुपये की आर्थिक सहायता देती है। यह पैसा परिवार की मदद के लिए दिया जाता है ताकि वे इस कठिन समय में अपनी जरूरतें पूरी कर सकें।


2. इस योजना का लाभ कौन ले सकता है?

यह योजना उन परिवारों के लिए है जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और जिनकी आय सरकारी मानकों के अनुसार कम है। परिवार का मुखिया, जिसकी उम्र 18 से 59 साल के बीच थी, अगर गुजर जाता है, तो उस परिवार को इस योजना का लाभ मिल सकता है। इसके लिए परिवार के पास गरीब या बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) प्रमाण होना चाहिए।


3. इस योजना के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं?

आवेदन के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज़ हैं, जैसे मुखिया का मृत्यु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, परिवार के सदस्यों का आधार कार्ड, आवेदक का बैंक पासबुक और राशन कार्ड। ये सभी दस्तावेज़ इस बात का सबूत होते हैं कि परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और योजना का लाभ लेने का हकदार है।


4. इस योजना में कितनी राशि मिलती है?

इस योजना के तहत परिवार को 20,000 रुपये की एकमुश्त राशि (एक बार में पूरा पैसा) दी जाती है। यह राशि सरकार की तरफ से दी जाती है और इसे सीधे उस परिवार के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है। यह पैसा परिवार की तत्काल जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है।


5. आवेदन करने की प्रक्रिया क्या है?

आवेदन करने के लिए आवेदक को फॉर्म भरना होता है, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से उपलब्ध है। फॉर्म भरने के बाद जरूरी दस्तावेज़ जमा करने होते हैं। इसके बाद सरकारी अधिकारी आवेदन की जांच करते हैं। अगर आवेदन सही पाया जाता है, तो 20,000 रुपये आवेदक के बैंक खाते में भेजे जाते हैं।


6. आवेदन की आखिरी तारीख क्या है?

इस योजना के आवेदन की कोई एक निश्चित अंतिम तारीख नहीं होती है। परिवार का मुखिया गुजरने के बाद, परिवार के पास आवेदन करने के लिए 1 साल का समय होता है। यानी परिवार को जल्द से जल्द इस योजना के लिए आवेदन करना चाहिए ताकि उन्हें जल्दी मदद मिल सके।


7. आवेदन की स्थिति कैसे जांची जा सकती है?

अगर आपने ऑनलाइन आवेदन किया है, तो राज्य की सरकारी वेबसाइट पर जाकर आवेदन की स्थिति देखी जा सकती है। वहां आप यह जान सकते हैं कि आपका आवेदन किस स्टेज में है। अगर ऑफलाइन आवेदन किया है, तो ब्लॉक या तहसील कार्यालय में जाकर अपनी आवेदन की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।


8. अगर आवेदन में गलती हो जाए तो क्या करना चाहिए?

अगर आवेदन भरते समय किसी भी प्रकार की गलती हो जाए, तो आपको तुरंत सुधार कराना चाहिए। ऑनलाइन आवेदन में आप वेबसाइट पर जाकर सुधार कर सकते हैं। अगर आपने ऑफलाइन फॉर्म भरा है, तो नजदीकी ब्लॉक या तहसील कार्यालय में जाकर अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं और गलती को ठीक करवा सकते हैं।


9. कितना समय लगता है मदद मिलने में?

आवेदन की जांच और मंजूरी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आमतौर पर कुछ हफ्तों के भीतर मदद का पैसा आवेदक के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में आवेदन की जाँच में थोड़ा अधिक समय लग सकता है, इसलिए स्थिति की नियमित रूप से जांच करनी चाहिए।


10. यह योजना किसके द्वारा चलाई जाती है?

यह योजना भारत सरकार के राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के तहत चलाई जाती है। इसका संचालन राज्य और जिला स्तर पर सरकारी विभागों द्वारा किया जाता है। सरकार यह सुनिश्चित करती है कि जरूरतमंद परिवारों को समय पर आर्थिक सहायता मिले और वे अपने कठिन समय में थोड़ी राहत पा सकें।

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